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Showing posts from January, 2019

पीड़ितों को 7413 करोड़ रु मुआवजे के लिए याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

गैस कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अप्रैल से सुनवाई करेगा। यह याचिका केंद्र सरकार और पीड़ितों की ओर से दायर की गई है। इसमें अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) से 7413 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की गई। कंपनी के भोपाल स्थित पेस्टीसाइड प्लांट से 2-3 दिसंबर, 1984 को जहरीली गैस (मिथाइल आइसो साइनाइड) का रिसाव हुआ था। गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने बताया कि त्रासदी के 34 साल बाद भी लोग न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहरीली गैस से प्र भावित लोग आज भी इलाज, मुआवजे, न्याय और पर्यावरण के को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लड़ रहे हैं। इसके लिए 2004 में सुप्रीम कोर्ट में सुधार याचिका दायर की गई थी। केंद्र ने माना था- पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला दैनिक भास्कर से बातचीत में जब्बार ने कहा कि 2010 में केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें सरकार ने माना था कि पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इसी याचिका पर कोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई करने के लिए कहा है। 715 करोड़ रु मुआवजा दे चुकी है कंपनी जब्बार के मुता

अमित शाह ने मंच पर क्या शिवराज सिंह चौहान का अपमान किया?

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पीएम मोदी के क़रीब जाने से रोका और उनकी बेइज़्ज़ती की', इस दावे के साथ एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 11-12 जनवरी 2019 को दिल्ली स्थित रामलीला मैदान में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय आधिवेशन की ये तस्वीर फ़ेसबुक और ट्विटर समेत व्हॉट्सऐप पर भी शेयर की गई है. मध्यप्रदेश के इंदौर से प्रकाशित होने वाले सांध्य दैनिक अख़बार 'गुड इवनिंग' के एक आर्टिकल को कई फ़ेसबुक ग्रुप्स में शेयर किया गया है. आर्टिकल का शीर्षक है- 'शिवराज को शाह ने पीछे धकाया, मोदी को माला पहनाने से रोका'. वायरल इन इंडिया' नाम की वेबसाइट ने भी लिखा है कि 'चुनाव हारते ही शुरू हुई बेइज़्ज़ती, अमित शाह बोले- पीछे हटो शिवराज, जेटली ने भी झटका हाथ.' वेबसाइट के अनुसार 12 जनवरी को छपे इस आर्टिकल को 45 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. जिन लोगों ने इस तस्वीर को शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि 'शिवराज के साथ ऐसा व्यवहार इसलिए किया जा रहा है क्योंकि वो मध्य प्रदेश का विधानसभ

वो हाईवे जिस पर चलना ख़तरा मोल लेने से कम नहीं

अगर इन सवालों का जवाब हां है, तो आप से एक और सवाल. आप ने दुनिया की सबसे ख़तरनाक सड़क पर सफ़र तय किया है ? अगर, नहीं तो चलिए आप को ले चलते हैं दुनिया की सबसे मुश्किल रोड ट्रिप पर. मध्य एशिया का पामीर हाइवे दुनिया की सबसे मुश्किल हाइवे कहा जाता है. ये हाइवे किर्गिजिस्तान के ओश शहर से ताजिकिस्तान के दुशाम्बे तक जाता है. 1200 किलोमीटर लंबा ये हाइवे दुनिया का सबसे दुर्गम रास्ता माना जाता है. ये सड़क बेहद सुनसान, जंगली और वीरान पहाड़ियों से होते हुए गुज़रती है. इस दौरान कई बार ये रेगिस्तान से भी होकर जाती है और कई बार भयंकर खाई को चूमती हुई आगे बढ़ती है. कई जगह पर ये सड़क क़रीब चार हज़ार मीटर की ऊंचाई से भी होती हुई जाती है. कहा जाता है कि ये सड़क स्नो लेपर्ड और मार्को-पोलो नस्ल की भेड़ों से ज़्यादा आबाद है बनिस्बत इंसानों के. सफ़र बाम-ए-दुनिया का पामीर के पहाड़ को बाम-ए-दुनिया या दुनिया की छत कहा जाता है. क्योंकि ये पहाड़ सात हज़ार मीटर ऊंचे हैं. ऊंचाई की बात करें तो केवल हिमालय , हिंदूकुश और कराकोरम के पहाड़ ही पामीर से ऊंचे हैं. इन्हीं वीरान, ऊसर, बर्फ़ीले और जंगली पहाड़ों

राहुल का नए साल में सामना करने उतरे मोदी 2.0

सीन-1 ''गुजरात बनाने का मतलब क्या होता है पता है नेताजी... गुजरात बनाने का मतलब होता है 24 घंटे बिजली... हर गांव में बिजली... नेताजी जी आपकी हैसियत नहीं है. .. गुजरात बनाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए.'' सीन-2 ''कांग्रेस पार्टी को सत्ता का नशा हो गया है. कांग्रेस का अहंकार सातवें आसमान पर पहुंच चुका है. ऐसी कांग्रेस को सज़ा मिलनी चाहिए या नहीं मिलनी चाहिए… कांग्रेस को छोटी-मोटी सज़ा नहीं, देश बचाने के लिए हमें कांग्रेस मुक्त भारत चाहिए...'' यह एक सुपरहिट फ़िल्म के कुछ बेहतरीन डायलॉग लगते हैं. जिसे देश की जनता ने साल 2014 में जमकर पसंद किया और दिल खोलकर अपना प्यार लुटाया. इस फ़िल्म के नायक थे नरेंद्र मोदी. जिन्होंने अपने भाषणों से ऐसा समां बांधा कि लोग उनके दीवाने हो गए. लगने लगा कि भ्रष्टाचार, बेरोज़गारी और महंगाई से त्रस्त जनता को बचाने के लिए 'मोदी' नाम का मसीहा आ गया है. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में हिंदुस्तान की जनता ने मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को 282 सीटें दीं. मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए. इसके बाद हुए कई विधानसभा चुनावों म