भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को संचार उपग्रह जीसैट-7ए का सफल प्रक्षेपण किया। 2250 किलोग्राम वजनी यह सैटेलाइट भारतीय क्षेत्र में केयू-बैंड के उपभोक्ताओं को संचार क्षमताएं मुहैया कराएगा। इससे खासतौर पर वायुसेना को संपर्क बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। जीसैट-7ए को श्रीहरिकोटा स्थित स्पेसपोर्ट के दूसरे लाॅन्च पैड से शाम 4:10 बजे जीएसएलवी-एफ11 के जरिए लॉन्च किया गया। यह सैटेलाइट इसरो ने ही तैयार किया है। यह आठ साल तक सेवाएं दे सकता है। यह सैटेलाइट वायुसेना के विमान, हवा में मौजूद अर्ली वार्निंग कंट्रोल प्लेटफॉर्म, ड्रोन और ग्राउंड स्टेशनों को जोड़ देगा। इससे एक केंद्रीकृत नेटवर्क तैयार हो जाएगा। इसी महीने 5 दिसंबर को इसरो का बनाया सबसे भारी (5854 किलोग्राम) उपग्रह जीसैट-11 फ्रेंच गुयाना से लॉन्च किया गया था। यह 16 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा भेजने में मददगार है। अगले महीने होगी चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग चंद्रयान-2 की लाॅन्चिंग के लिए तैयारी अंतिम चरण में है। इसे 31 जनवरी 2019 को लॉन्च किया जाना है। चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं-आर्बिटर (चंद्रमा की कक्षा में