Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2018

प्रभाकरन ने उन्हीं को मरवा डाला जिन्होंने उन्हें बुलेटप्रूफ़ जैकेट दी

जिस शख़्स को एक राष्ट्राध्यक्ष और एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या, श्रीलंका के एक और राष्ट्रपति की हत्या का प्रयास, सैकड़ों राजनीतिक हत्याओं, पच्चीसियों आत्मघाती हमलों, हज़ारों लोगों और सैनिकों की मौत का ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है, उसके लिए एक बात तो आँख मूंद कर कही जा सकती है कि वो निहायत ही ख़तरनाक व्यक्ति था जिसमें जीवट की कमी नहीं थी. ओसामा बिन लादेन के आदेश पर न्यूयॉर्क का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर गिराए जाने से पहले प्रभाकरन के लोगों ने कोलंबो के भीड़ भरे इलाक़े में इसी नाम की उतनी ही प्रतीकात्मक इमारत नेस्तनाबूद की थी. लेकिन ओसामा की तरह प्रभाकरन एक अमीर माँ बाप की संतान नहीं थे और न ही उन्होंने इस तरह के दुस्साहसी कामों को अंजाम देने के लिए किसी दूसरे देश की शरण ली थी. न ही ऐसे काम करने के लिए उन्हें किसी धर्म से प्रेरणा मिली थी. उनका एकमात्र धर्म था तमिल राष्ट्रवाद. एक दशक के भीतर उन्होंने एलटीटीई को मामूली हथियारों के 50 से कम लोगों के समूह से 10 हज़ार लोगों के प्रशिक्षित संगठन में तब्दील कर दिया था जो एक देश की सेना तक से टक्कर ले सकता था. साल 1972 में जब वो एक पेड़ के न

कौन हैं और कहां से आई हैं विनायकी माता?

माना जाता है कि अंधका नाम के दानव की इच्छा देवी पार्वती को अपनी पत्नी बनाने की थी. इस मक़सद से जब अंधका ने जबरन पार्वती को पकड़ने की कोशिश की तो पार्वती ने अपने पति शिव का आह्ववान किया. शिव ने पार्वती की पुकार सुनते ही अपना त्रिशूल उठाकर अंधका का वध कर दिया. लेकिन एक जादुई ताकत के कारण अंधका के शरीर से गिरने वाली खून की हर बूंद से एक नया अंधका पैदा हो जाता था. ऐसे में अंधका को मारने का सिर्फ एक ही तरीका था कि जब शिव अपने त्रिशूल से अंधका का वध करें तो खून की एक भी बूंद ज़मीन पर न गिरे. पार्वती को ये बात पता थी कि हर दैवीय शक्ति पुरुष और स्त्री के स्वरूपों का मिश्रण होती है. पुरुष स्वरूप मानसिक क्षमता को दर्शाता है जबकि और महिला स्वरूप मूर्त या भौतिक शक्ति को. ऐसे में पार्वती ने सभी देवताओं की शक्तियों का आह्वान किया देवियों से सजी रणभूमि पार्वती के बुलाने पर सभी देवताओं ने अपने महिला स्वरूप भेज दिए ताकि वे ज़मीन पर गिरने से पहले ही अंधका के खून की बूंदे पी सकें. इसके बाद युद्ध भूमि पर सभी तरह के देवताओं के महिला स्वरूप दिखाई देने लगे. इंद्र की शक्ति इंद्राणी के