गैस कांड के पीड़ितों को मुआवजा देने से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अप्रैल से सुनवाई करेगा। यह याचिका केंद्र सरकार और पीड़ितों की ओर से दायर की गई है। इसमें अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) से 7413 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की गई। कंपनी के भोपाल स्थित पेस्टीसाइड प्लांट से 2-3 दिसंबर, 1984 को जहरीली गैस (मिथाइल आइसो साइनाइड) का रिसाव हुआ था।
गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने बताया कि त्रासदी के 34 साल बाद भी लोग न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहरीली गैस से प्रभावित लोग आज भी इलाज, मुआवजे, न्याय और पर्यावरण के को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लड़ रहे हैं। इसके लिए 2004 में सुप्रीम कोर्ट में सुधार याचिका दायर की गई थी।
केंद्र ने माना था- पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला
दैनिक भास्कर से बातचीत में जब्बार ने कहा कि 2010 में केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें सरकार ने माना था कि पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इसी याचिका पर कोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई करने के लिए कहा है।
715 करोड़ रु मुआवजा दे चुकी है कंपनी
जब्बार के मुताबिक, पहले यूनियन कार्बाइड ने 3 हजार मृतकों और 1.2 लाख प्रभावितों के लिए 715 करोड़ रु मुआवजा दिया था। लेकिन गैस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 15,274 है, जबकि प्रभावितों की संख्या 5.74 लाख है।
आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर सुप्रीम कोर्ट ने Rs.5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कॉलेज ने झूठे दस्तावेज पेशकर कोर्ट के साथ धोखा किया है। न्यायमूर्ति एसए बोबड़े, एल नागेश्वर राव और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने आरकेडीएफ कॉलेज में 2018-19 और 2019-20 में एमबीबीएस में छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाने के भी आदेश दिए हैं।
कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश माफीनामा खारिज करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कॉलेज के डीन एसएस कुशवाहा के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि कॉलेज प्रबंधन 2017-2018 में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र को एक लाख का मुआवज़ा दे और उनकी फीस भी लौटाए। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि कॉलेज प्रबंधन ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाकर यह बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
झूठे दस्तावेज: कॉलेज ने छात्रों के प्रवेश के लिए तय मानकों का पालन भी नहीं किया और उसे सही दिखाने के लिए झूठे दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह लिखा है कि विशेषज्ञों की समिति जाँच के लिए नहीं बनाई गई होती तो कॉलेज के फ़र्जीवाड़े के बारे में सही जानकारी नहीं लग पाती। इस समिति में सीबीआई और एम्स के डायरेक्टर शामिल थे। एक्सपर्ट कमेटी ने कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश रिपोर्ट और शपथ पत्र की पड़ताल की तो इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली।
बिहार : मौसम साफ, लुढ़का तापमान
राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में सोमवार को मौसम साफ रहा। पटना में सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस, भागलपुर में 12.6 डिग्री, गय में 13.6 डिग्री और पूर्णिया में 14.5 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, "‘अगले एक-दो दिन में पटना समेत राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा और तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। इस दौरान ठंडी हवा भी चलेगी।’’
मध्यप्रदेश : हल्की बौछारों का अनुमान
पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर मैदानी राज्यों में देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश में सर्द हवाओं से ठिठुरन बढ़ गई। रविवार को मध्यप्रदेश में धार सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले 2 दिनों में कुछ स्थानों पर हल्की बौछारें पड़ने का अनुमान जताया है।
गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार ने बताया कि त्रासदी के 34 साल बाद भी लोग न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जहरीली गैस से प्रभावित लोग आज भी इलाज, मुआवजे, न्याय और पर्यावरण के को हुए नुकसान की भरपाई के लिए लड़ रहे हैं। इसके लिए 2004 में सुप्रीम कोर्ट में सुधार याचिका दायर की गई थी।
केंद्र ने माना था- पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला
दैनिक भास्कर से बातचीत में जब्बार ने कहा कि 2010 में केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें सरकार ने माना था कि पीड़ितों को उचित मुआवजा नहीं मिला। इसी याचिका पर कोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई करने के लिए कहा है।
715 करोड़ रु मुआवजा दे चुकी है कंपनी
जब्बार के मुताबिक, पहले यूनियन कार्बाइड ने 3 हजार मृतकों और 1.2 लाख प्रभावितों के लिए 715 करोड़ रु मुआवजा दिया था। लेकिन गैस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 15,274 है, जबकि प्रभावितों की संख्या 5.74 लाख है।
आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पर सुप्रीम कोर्ट ने Rs.5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कॉलेज ने झूठे दस्तावेज पेशकर कोर्ट के साथ धोखा किया है। न्यायमूर्ति एसए बोबड़े, एल नागेश्वर राव और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने आरकेडीएफ कॉलेज में 2018-19 और 2019-20 में एमबीबीएस में छात्रों के प्रवेश पर रोक लगाने के भी आदेश दिए हैं।
कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश माफीनामा खारिज करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कॉलेज के डीन एसएस कुशवाहा के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई का आदेश दिया। कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि कॉलेज प्रबंधन 2017-2018 में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक छात्र को एक लाख का मुआवज़ा दे और उनकी फीस भी लौटाए। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि कॉलेज प्रबंधन ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ बनवाकर यह बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।
झूठे दस्तावेज: कॉलेज ने छात्रों के प्रवेश के लिए तय मानकों का पालन भी नहीं किया और उसे सही दिखाने के लिए झूठे दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह लिखा है कि विशेषज्ञों की समिति जाँच के लिए नहीं बनाई गई होती तो कॉलेज के फ़र्जीवाड़े के बारे में सही जानकारी नहीं लग पाती। इस समिति में सीबीआई और एम्स के डायरेक्टर शामिल थे। एक्सपर्ट कमेटी ने कॉलेज प्रबंधन की ओर से पेश रिपोर्ट और शपथ पत्र की पड़ताल की तो इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली।
बिहार : मौसम साफ, लुढ़का तापमान
राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में सोमवार को मौसम साफ रहा। पटना में सोमवार को न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस, भागलपुर में 12.6 डिग्री, गय में 13.6 डिग्री और पूर्णिया में 14.5 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक, "‘अगले एक-दो दिन में पटना समेत राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा और तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। इस दौरान ठंडी हवा भी चलेगी।’’
मध्यप्रदेश : हल्की बौछारों का अनुमान
पहाड़ों पर हुई बर्फबारी का असर मैदानी राज्यों में देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तरप्रदेश में सर्द हवाओं से ठिठुरन बढ़ गई। रविवार को मध्यप्रदेश में धार सबसे ठंडा रहा। यहां तापमान 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने अगले 2 दिनों में कुछ स्थानों पर हल्की बौछारें पड़ने का अनुमान जताया है।
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